रायवाला, [दीपक जोशी]: राजाजी टाइगर रिजर्व (आरटीआर) पार्क के दक्षिणी हिस्से में बाघ शिफ्टिंग की योजना में विलंब हो रहा है। वजह यह कि जिस बाघिन के साथ के लिए बाघ छोड़े जाने हैं, उसकी लोकेशन अब तक ट्रैस नहीं हो पाई। राजाजी पार्क में बाघों का कुनबा बढ़ाने के मद्देनजर यहां कार्बेट टाइगर रिजर्व के तराई क्षेत्र से पांच बाघ शिफ्ट किए जाने हैं।
आरटीआर प्रशासन लंबे समय से इस कवायद में जुटा है। लेकिन, बाघ शिफ्टिंग से पहले यहां मौजूद एक मादा बाघ को ट्रैंकुलाइज कर उसके गले में रेडियो कॉलर लगाया जाना है, ताकि इसके जरिए पूरी योजना की निगरानी की जा सके। इस कार्य में बीते दो माह से वन कर्मियों की एक प्रशिक्षित टीम जुटी है, लेकिन अब तक मादा बाघ की लोकेशन ट्रैस नहीं की जा सकी। आरटीआर के दक्षिणी हिस्से मोतीचूर, बेरीवाड़ा और धौलखंड रेंज में सिर्फ दो मादा बाघ मौजूद हैं। इनकी उम्र छह वर्ष के आसपास है और यह लगभग तीन साल से यहां एकाकी जीवन बिता रही हैं।
राजाजी टाइगर रिजर्व में बाघ शिफ्टिंग की योजना पर चल रहा है काम
राजाजी टाइगर रिजर्व के निदेशक सनातन सोनकर का कहना है कि राजाजी टाइगर रिजर्व में बाघ शिफ्टिंग की योजना पर काम चल रहा है। मोतीचूर में मौजूद एक मादा बाघ को रेडियो कॉलर लगाया जाना है, ताकि इसके जरिए पूरी योजना की निगरानी की जा सके। इसके लिए एनटीसीए से अनुमति मिल चुकी है।
Source:-Jagran
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